योग एक प्राचीन और प्रभावशाली विधि है जिसे माइग्रेन जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। योग न सिर्फ शारीरिक रूप से लाभकारी होता है, बल्कि मानसिक चिंताएं भी दूर करता है जो माइग्रेन के कारण हो सकती हैं। यहां कुछ आसन और प्राणायाम दिए गए हैं जो माइग्रेन के लिए उपयोगी हो सकते हैं:
शवासन (Shavasana):
शवासन एक बहुत ही सरल योगासन है जिसे करने के लिए आपको सम्पूर्ण शरीर को भूमि पर समर्थित रखना होता है।
धीरे से सांस लेते हुए और धीरे से छोड़ते हुए ध्यान केंद्रित करें। ध्यान लगाकर शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करें।
भ्रमरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama):
भ्रमरी प्राणायाम आंतरिक शांति और मन को तनावमुक्त करने में मदद करता है।
सुखासन में बैठें और आंखें बंद करें। अपने आंखों को और कानों को अपने अंगूठों से ढक लें। अब अपने मस्तिष्क को शांत करने के लिए उच्च स्वर में 'भू' की आवाज़ को निकालें।
पद्मासन (Padmasana):
पद्मासन ध्यान के लिए एक आसन है जो मन को शांत करने में मदद कर सकता है और माइग्रेन को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
सीधे बैठें और अपने पैरों को धीरे से गोद में बांधें। कम से कम 5 मिनट तक इस आसन में बैठें और ध्यान केंद्रित करें।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom-Vilom Pranayama):
अनुलोम-विलोम प्राणायाम श्वास-प्रश्वास को नियंत्रित करने में मदद करता है और माइग्रेन जैसी समस्याओं को कम कर सकता है।
सुखासन में बैठें और अपने दायें नाक से सांस लें। धीरे से सांस को नाक से छोड़ें और इसी तरह से बायें नाक से सांस लें।
पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana):
पवनमुक्तासन पेट से गैस को कम करने में सहायक हो सकता है और माइग्रेन के लिए भी लाभदायक होता है।
पीठ को सीधे रखें और एक पैर को धीरे से घुटने के पास आकर उसे अपनी छाती की ओर ले जाएं। घुटने को अपनी छाती को छूने की कोशिश करें। धीरे से पूर्वाभ्यास को छोड़ें और दूसरी ओर की तरफ भी इसे करें।
योग के अलावा, सही आहार, पर्याप्त नींद, और स्ट्रेस का प्रबंधन भी माइग्रेन को कम करने में मदद कर सकते हैं। यदि आपको नियमित योग करने से पहले या माइग्रेन के लिए इलाज करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना होता है।
BY:NK
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