10 December 2025

स्वतंत्रता संग्राम के संत सेनानी थे महर्षि अरविंद

Posted By NK  19 Aug 23 10:37 PM47288

स्वतंत्रता संग्राम के संत सेनानी थे महर्षि अरविंद

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अनगिनत वीरों, संतों और महान नेताओं की कथाओं से भरा हुआ है। इस वीर युग में एक महान संत, स्वतंत्रता सेनानी और दार्शनिक के रूप में महर्षि अरविंद का नाम श्रेष्ठतम रूप से उच्चित होता है। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण चरण रहा और उन्होंने न केवल राजनीतिक आंदोलनों में भाग लिया, बल्कि अपने विचारों और दार्शनिकता के माध्यम से भारतीय मानसिकता को भी परिवर्तित किया।


महर्षि अरविंद का जन्म 15 अगस्त 1872 को महाराष्ट्र के मुम्बई में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा विशेषज्ञता से पूरी की और विद्यार्थी जीवन में ही उनकी तीव्र बुद्धिमत्ता और दार्शनिक सोच का परिचय हो गया। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की और फिर अंग्रेजी भाषा के प्रति अपने आकर्षण के कारण विशेषज्ञता प्राप्त की।


महर्षि अरविंद की दार्शनिकता और आध्यात्मिकता का मूल तत्त्व उनके 'आत्मानुभूति' के सिद्धांत में छिपा हुआ था। उन्होंने आत्मा की महत्वपूर्णता को मानने के साथ-साथ यह भी बताया कि आत्मा का अद्वितीय और आनंदमय स्वरूप है। उन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म की महत्वपूर्णता को स्वीकारते हुए भारतीयता को एक एकीकृत और विश्वस्तरीय धार्मिक दर्शन की दिशा में अग्रसर करने की आवश्यकता को महसूस किया।


स्वतंत्रता संग्राम के समय, महर्षि अरविंद ने भारतीय युवाओं को सशक्त और उत्साही बनाने का काम किया। उन्होंने विशेष रूप से 'बंदे मातरम्' की गायन को एक आत्मा को जागरूक करने और स्वतंत्रता की ओर प्रेरित करने का साधन माना।


महर्षि अरविंद का योगदान राजनीतिक ही नहीं था, बल्कि वे एक महान विचारक भी थे। उन्होंने 'नवयुग' की आवश्यकता को महसूस किया और भारतीय समाज को नए आदर्शों और विचारों की ओर प्रेरित किया। उनके द्वारा संचालित 'आर्य समाज' ने नए विचारों की प्रोत्साहना की और भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं की दिशा में दिशा-निर्देश किया।


महर्षि अरविंद के द्वारा स्थापित किए गए 'आश्रम' में वे अपने आध्यात्मिक और योगिक विचारों को और भी गहराई देने का अवसर प्रदान करते थे। उनका 'इंटीग्रल योग' विचार आध्यात्मिकता के विभिन्न पहलुओं को एक साथ जोड़ने का प्रयास करता है, जिससे व्यक्ति अपने आत्मा के साथ संवाद स्थापित करके अपने जीवन को और भी सार्थक बना सके।


महर्षि अरविंद की उपलब्धियों और योगदान की मान्यता आज भी है और वे एक महान संत, स्वतंत्रता सेनानी और दार्शनिक के रूप में हमारे समय के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उनके द्वारा बताए गए विचार और योग्यताओं के माध्यम से हम भारतीय समाज को उनके आदर्शों की ओर अग्रसर करने का प्रयास कर सकते हैं और एक समृद्धि, समानता और शांति से भरपूर नये भारत की नींव रख सकते हैं।

BY: NK

Tags: azadi India freedom fighter
इसे भी पढें
Yoga for Travelers: Staying Grounded on the Go

Traveling is an exhilarating experience that broadens our horizons, but it often comes with challenges, both physical and mental. Long flights, changing time zones, ...

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए सबसे उपयोगी योग..

योग हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है ...

सूर्य नमस्कार के लाभ

सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगासन है जो आपके शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। ...

Yoga for Back Pain: Poses and Practices for a Stronger Spine

Back pain is a common ailment affecting people of all ages, often stemming from sedentary lifestyles, poor posture, or stress. ...

The Third Eye Chakra (Ajna): Awakening Intuition and Insight

Meditation: Regular meditation, focusing on the Third Eye area, can open and activate this chakra ...

Enhancing Focus and Memory: The Best Yoga Asanas for Students

In the fast-paced world of academics, students often find themselves juggling multiple tasks, facing stress, and seeking ways to enhance their focus and memory. ...

स्वतंत्रता संग्राम के संत सेनानी थे महर्षि अरविंद

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अनगिनत वीरों, संतों और महान नेताओं की कथाओं से भरा हुआ है। ...

योग एक खेल के रूप में बढ़ता स्वरुप

खेल जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ,आजकल योग एक खेल के रूप में बहुत प्रसिद्ध हो रहा है। ...

The Role of Yoga in Weight Loss and Healthy Living.

In our quest for weight loss and healthy living, we often explore various fitness regimens, diets, and wellness practices. ...