30 December 2025

स्वतंत्रता संग्राम के संत सेनानी थे महर्षि अरविंद

Posted By NK  19 Aug 23 10:37 PM48671

स्वतंत्रता संग्राम के संत सेनानी थे महर्षि अरविंद

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अनगिनत वीरों, संतों और महान नेताओं की कथाओं से भरा हुआ है। इस वीर युग में एक महान संत, स्वतंत्रता सेनानी और दार्शनिक के रूप में महर्षि अरविंद का नाम श्रेष्ठतम रूप से उच्चित होता है। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण चरण रहा और उन्होंने न केवल राजनीतिक आंदोलनों में भाग लिया, बल्कि अपने विचारों और दार्शनिकता के माध्यम से भारतीय मानसिकता को भी परिवर्तित किया।


महर्षि अरविंद का जन्म 15 अगस्त 1872 को महाराष्ट्र के मुम्बई में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा विशेषज्ञता से पूरी की और विद्यार्थी जीवन में ही उनकी तीव्र बुद्धिमत्ता और दार्शनिक सोच का परिचय हो गया। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की और फिर अंग्रेजी भाषा के प्रति अपने आकर्षण के कारण विशेषज्ञता प्राप्त की।


महर्षि अरविंद की दार्शनिकता और आध्यात्मिकता का मूल तत्त्व उनके 'आत्मानुभूति' के सिद्धांत में छिपा हुआ था। उन्होंने आत्मा की महत्वपूर्णता को मानने के साथ-साथ यह भी बताया कि आत्मा का अद्वितीय और आनंदमय स्वरूप है। उन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म की महत्वपूर्णता को स्वीकारते हुए भारतीयता को एक एकीकृत और विश्वस्तरीय धार्मिक दर्शन की दिशा में अग्रसर करने की आवश्यकता को महसूस किया।


स्वतंत्रता संग्राम के समय, महर्षि अरविंद ने भारतीय युवाओं को सशक्त और उत्साही बनाने का काम किया। उन्होंने विशेष रूप से 'बंदे मातरम्' की गायन को एक आत्मा को जागरूक करने और स्वतंत्रता की ओर प्रेरित करने का साधन माना।


महर्षि अरविंद का योगदान राजनीतिक ही नहीं था, बल्कि वे एक महान विचारक भी थे। उन्होंने 'नवयुग' की आवश्यकता को महसूस किया और भारतीय समाज को नए आदर्शों और विचारों की ओर प्रेरित किया। उनके द्वारा संचालित 'आर्य समाज' ने नए विचारों की प्रोत्साहना की और भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं की दिशा में दिशा-निर्देश किया।


महर्षि अरविंद के द्वारा स्थापित किए गए 'आश्रम' में वे अपने आध्यात्मिक और योगिक विचारों को और भी गहराई देने का अवसर प्रदान करते थे। उनका 'इंटीग्रल योग' विचार आध्यात्मिकता के विभिन्न पहलुओं को एक साथ जोड़ने का प्रयास करता है, जिससे व्यक्ति अपने आत्मा के साथ संवाद स्थापित करके अपने जीवन को और भी सार्थक बना सके।


महर्षि अरविंद की उपलब्धियों और योगदान की मान्यता आज भी है और वे एक महान संत, स्वतंत्रता सेनानी और दार्शनिक के रूप में हमारे समय के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उनके द्वारा बताए गए विचार और योग्यताओं के माध्यम से हम भारतीय समाज को उनके आदर्शों की ओर अग्रसर करने का प्रयास कर सकते हैं और एक समृद्धि, समानता और शांति से भरपूर नये भारत की नींव रख सकते हैं।

BY: NK

Tags: azadi India freedom fighter
इसे भी पढें
योग माइग्रेन के लिए लाभकारी होता है

माइग्रेन एक बहुत ही आम समस्या है जो दर्द, उबकाई, और थकान का कारण बन सकती है। यह रोग मस्तिष्क के एक या दोनों ओर होने वाले तीव्र दर्द के रूप में प्रकट होता है ...

मानव जीवन में योग की उपयोगिता

मनुष्य का जीवन आधुनिकता के इस दौर में तेजी से बदल रहा है, लेकिन इस दौरान अधिकतर लोग अपने स्वास्थ्य और तंतु-मंत्र को अनदेखा कर रहे हैं। ...

सांख्य दर्शन और योग: सृजन और मुक्ति की समझ|

सांख्य दर्शन और योग के संबंध की समझ पाठनजलि द्वारा "योग सूत्र" में बताई गई अष्टांग योग प्रणाली के माध्यम से स्पष्ट होती है। ...

योग और खेल

योग और खेल दोनों ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। ...

Many reasons why yoga scores over a gym workout..

Yoga and gym workouts are both popular approaches to staying healthy and fit.. ...

The Role of Yoga in Weight Loss and Healthy Living.

In our quest for weight loss and healthy living, we often explore various fitness regimens, diets, and wellness practices. ...

योगिक संस्कृति भारत में एक महत्वपूर्ण भाग है

योग भारतीय धार्मिक और दार्शनिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उसका मूल उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित करना है। ...

ज्योतिष:- भविष्य का एक आध्यात्मिक सफ़र का मार्गदर्शक

ज्योतिष के पांच मुख्य ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु) और नवग्रह (राहु और केतु) के गति, स्थिति, और प्रभाव का ध्यान रखा जाता है ...

Integrating Yoga into Education: Cultivating Mind, Body, and Soul..

Integrating yoga into education extends beyond the individual student... ...